खोई हुई भेड़ मिलने पर खुशी मनाना
प्रभु येशु ने उनको यह कहानी सुनाई, “मान लो, तुममें से किसी के पास सौ भेड़े हों और उनमें से एक खो जाए तो क्या तुम निन्यानवे भेड़ों को मैदान में छोड़कर खोई हुई भेड़ को ढूँढ़ते न रहोगे जब तक वह मिल न जाए? खोई हुई भेड़ के मिल जाने पर तुम उसे खुशी से कंधे पर उठा लोगे, और घर आकर अपने दोस्तों और पड़ोसियों को इकट्ठा करके उनसे कहोगे, ‘मेरे साथ खुशी मनाओ, क्योंकि मेरी खोई हुई भेड़ मिल गई है।’ इसी प्रकार, जब कोई पापी पाप का मार्ग छोड़ देता है, परमेश्वर और उनके दूत बहुत खुशी मनाते हैं। मैं तुमसे कहता हूँ, उस समय परम-स्वर्ग में उस पापी व्यक्ति के लिए उन निन्यानवे धर्मी लोगों के मुकाबले में अधिक खुशी मनाई जाती है जिन्होंने पहले से ही पाप का मार्ग छोड़ दिया है।” प्रश्न : आप इस कहानी में अपने आप को कहाँ देखते है या क्या आप समझते हैं कि इस कहानी से आपका या आपके दोस्तों का कुछ संबंध हैं ? |
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खोया हुआ सिक्का मिलने पर खुशी मनाना
प्रभु येशु ने लोगों को एक और कहानी सुनाई, “कौन ऐसी स्त्री होगी जिसके पास दस चांदी के सिक्के हों और उनमें से एक खो जाए तो वह दीपक जलाकर घर का कोना-कोना न छान मारे और जब तक सिक्का मिल न जाए, मन लगाकर उसे ढूंढ़ती न रहे? तब वह सहेलियों और पड़ोसियों को इकट्ठा कर और उनसे कहेगी, ‘मेरे साथ खुशी मनाओ, क्योंकि मेरा खोया हुआ सिक्का मिल गया है।’ मैं तुमसे सच कहता हूँ, इसी प्रकार जब कोई पापी पाप का मार्ग छोड़ता है तो परमेश्वर और उनके दूत बहुत खुशी मनाते हैं।” प्रश्न -- आप इस कहानी में अपने आप को कहाँ देखते है या क्या आप समझते हैं कि इस कहानी से आपका या आपके दोस्तों का कुछ संबंध हैं ? |
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मार्ग से भटके पुत्र के वापस आने पर खुशी मनाना
तब प्रभु येशु ने एक और कहानी सुनाई, “किसी मनुष्य के दो बेटे थे। उनमें से छोटे ने पिता से कहा, ‘संपत्ति में से मेरा हिस्सा मुझे दीजिए।’ तो पिता ने संपत्ति उन दोनों बेटों में बाँट दी। जल्दी ही छोटे बेटे ने अपने हिस्से में आया सब कुछ लिया और विदेश चला गया जहाँ उसने अपना सारा पैसा शानदार जीवन बिताने में उड़ा दिया। जब वह अपना सबकुछ खर्च कर चुका था उस जगह भयंकर अकाल पड़ा और वह कंगाल हो गया। उसे उस देश में एक आदमी मिला जिससे उसने कहा, 'मुझे कुछ भी काम करने को दे दो,' और उस आदमी ने उसे अपने खेत में सूअरों की देखभाल करने का काम दिया। जो खाना सूअर खाते थे उसको खाने के लिए भी वह तरसता था, पर उसे कोई कुछ नहीं देता था। अब वह सोचने लगा कि वह क्या कर रहा है तो उसने अपने आप से कहा, ‘मेरे पिता के कितने ही नौकरों को भर-पेट भोजन मिलता है और मैं यहाँ भूखा मर रहा हूँ। मैं उठकर अपने पिता के पास जाऊँगा और उनसे कहूँगा, “पिताजी, मैंने परमेश्वर के और आपके विरुद्ध पाप किया है। अब मैं इस काबिल नहीं रहा कि आपका बेटा कहलाऊँ। मुझे अपने एक नौकर के समान ही रख लीजिए।”’ “तब वह उठा और अपने पिता के पास चला। अभी वह दूर ही था कि उसके पिता ने उसे देख लिया और पिता का मन दया से भर गया। पिता ने दौड़कर उसे गले लगा लिया और उसको बहुत प्यार किया। “बेटे ने कहा, ‘पिताजी, मैंने परमेश्वर के और आपके विरुद्ध पाप किया है। अब मैं इस काबिल नहीं रहा कि आपका बेटा कहलाऊँ।’ “परंतु पिता ने अपने सेवकों से कहा, ‘जल्दी करो, अच्छे-से-अच्छे कपड़े निकालकर इसे पहनाओ और इसकी उँगली में अँगूठी और पैर में जूते पहनाओ। तरह-तरह के पकवान बनाओ कि हम खाएँ और खुशी मनाएँ। क्योंकि मेरा यह बेटा मर गया था, परंतु फिर जी गया है, खो गया था और अब मिल गया है।’ इस प्रकार वे खुशी मनाने लगे। “उस समय उसका बड़ा बेटा खेत में था। जब वह लौटा और घर के पास पहुंचा तब उसे संगीत और नाचने-गाने की आवाज़ सुनाई पड़ी। उसने एक नौकर को बुलाकर पूछा, ‘यह सब क्या हो रहा है?’ “सेवक ने बताया, ‘आपका भाई ठीक-ठाक घर वापस आ गया है और आपके पिताजी ने तरह-तरह के पकवान बनवाए हैं।’ इस पर उसे बहुत गुस्सा आया और वह अंदर नहीं जाना चाहता था। “तब उसका पिता बाहर आकर उसे मनाने लगा। लेकिन उसने अपने पिता से कहा, ‘देखिए, मैं इतने सालों से आपकी सेवा कर रहा हूँ और मैंने कभी आपकी आज्ञा नहीं टाली, तो भी आपने मुझे कभी कुछ नहीं दिया कि मैं अपने दोस्तों के साथ खुशी मनाता। परंतु जब आपका यह बेटा आया जिसने आपका पैसा वेश्याओं में उड़ा दिया, तो आपने उसका स्वागत तरह-तरह के पकवान बनवाकर किया!’ “पिता ने उससे कहा, ‘बेटा, तुम तो हमेशा मेरे साथ हो और जो कुछ मेरा है, वह सब तुम्हारा है। परंतु हमारा खुशी मनाना ठीक है, क्योंकि तुम्हारा यह भाई हमारे लिए मर गया था, लेकिन फिर जी गया है, खो गया था, फिर मिल गया है।’” प्रश्न -- आप इस कहानी में अपने आप को कहाँ देखते है या क्या आप समझते हैं कि इस कहानी से आपका या आपके दोस्तों का कुछ संबंध हैं ? |
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